◆वियोग ख़त◆ साथ दिया तूने जिस मुक़ाम तक वहाँ तक का साथ था वाज़िब वज़ह से जिस छोड़ा तूने हाथ मेरा करना ये भी था लाज़िम बंध रही हो बंधन में जो किसी ग़ैर के रखना वफ़ा ताउम्र साथ उनके मुबारक़ हो नया जीवन तुम्हें जा किया हवाले उस अज़नबी के क़ुबूल है दर्द-ए-जुदाई का ग़म आनी है जो मेरे कज़ा में कर लिया है तुझे बख्तरबंद अपने हर्फ़-ए-दिल में गिला तो नहीं कुछ भी तुझसे ख़ुदा की रहम रहे सदा तुझपे कर ले दिल में अब उन्हें काबिज़ जा इजाज़त है, ख़ुदा हाफ़िज ©Ravishing Roshan #nojoto2021 #hindipoetry #mydiarymythought #mypenmywords #poetryoflife #वियोगख़त #आख़री_पैग़ाम ® Dedicated