ख़तरा नहीं किसी और से मेरी ही सोच से है, गूँजते सवाल दिमाग में मुझे नोंचते है। गलतियां करते सोचा नहीं अंजाम उस्का, ख़्वाबों की उड़ान से पहले टूट रहें क्यूँ हौंस्ले हैं। मत दे ध्यान दुनिया की बातों में, ये दुनिया है जनाब हर किसी के सपनों को रौंदते है। देखा जाये तो ये दुनिया नहीं जालिम तेरी सोच है तन्हा शायर, जरुरत नहीं दुनिया से लड़ने की तेरी सोच से है। ©Ek tannha shayar #समाज_नहीं_दुश्मन_मेरा_दुश्मन_मेरी_सोच