अब छोड़ो भी, ये तो जीवन का हिस्सा है इस गगन तले बस तुम ही नहीं, यह तो हर एक का क़िस्सा है अब छोड़ो भी ,ये तो जीवन का हिस्सा है ज़ो दीप जलता है, एक रोज़ बूझता है तो क्या दीप जलना छोड़ दोंगे ज़ो क़भी मिलता है,वो क़भी छिनता है तो क्या पाने की चाहत तोड़ दोंगे ज़ो हँसता है, वो क़भी रोता है तो क्या हँसने क़ी आदत छोड़ दोंगे ज़ो खेलता है ,वों हारता भी है तो क्या मंज़िल का रास्ता मोड़ दोंगे ज़ो आता है, वों जाता है तो क्या ज़ीने क़ी आशा तोड़ दोंगे यहाँ तों हर आंख से आंसू रिस्ता है हर इंसा इस जग में पिसता है अब छोड़ो भी, ये तो जीवन का हिस्सा है इस जहाँ में केवल तुम ही नहीं ये तो हर एक क़िस्सा है #mk #Nojoto #Mukesh kumar