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कभी - कभी हम भावनाओं से हटकर व्यावहारिक रूप से सो

कभी - कभी हम भावनाओं
से हटकर व्यावहारिक रूप से 
सोचते हैं,

असल में हमें दोनों का तालमेल
बिठाकर सोचने की आवश्यकता
होती है,

दोनों ही हमारे ज़िंदगी के अहम
पहलू हैं।

©Gunjan Rajput कभी - कभी हम भावनाओं
से हटकर व्यावहारिक रूप से 
सोचते हैं,

असल में हमें दोनों का तालमेल
बिठाकर सोचने की आवश्यकता
होती है,
कभी - कभी हम भावनाओं
से हटकर व्यावहारिक रूप से 
सोचते हैं,

असल में हमें दोनों का तालमेल
बिठाकर सोचने की आवश्यकता
होती है,

दोनों ही हमारे ज़िंदगी के अहम
पहलू हैं।

©Gunjan Rajput कभी - कभी हम भावनाओं
से हटकर व्यावहारिक रूप से 
सोचते हैं,

असल में हमें दोनों का तालमेल
बिठाकर सोचने की आवश्यकता
होती है,