ये दिल क्यों है लगाया जब तोड़ के ही था जाना।। उस दिल में क्यू बसाया जब छोड़ के ही था जाना।। उस दिल में क्यू बसाया क्यू लोगो को इतना हँसाया।। उस उम्मीद को क्यू जगाया जब छोड़ के ही था जाना।। ये प्यार है एक धोखा मिल गया तुझे भी मौका।। ये दिल क्यूं तूने लगाया क्यू सपनो का जाल बिछाया।। क्यू दिल ने ली अंगड़ाई जब इतनी ही थी तन्हाई।। क्यू खाई थी वो कसमें जब नही निभानी थी रस्में।। समझी नहीं मैं वो इरादे क्यू किए थे झूठे वादे।। क्या मिला तुझे ओ मेरे यार क्यू किया तूने झूठा प्यार।। ©Neeta Bisht ये दिल क्यूं लगाया