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भक्ति की ज्योति तुम्हें मन्दिर में ढूंढा ढूँढ़ा,

भक्ति की ज्योति

तुम्हें  मन्दिर में ढूंढा ढूँढ़ा,
तुम्हें मेहफिल में ढूंढ़ा |

तुम्हें पहाड़ो में खोजा,
तुम्हें बारिश  रूपी 
बूंदों में तलाशा |


जहाँ भी  खोजः  ,
वहां निराशा ही  पाया पाया|
अखियां अखियन से नीर बहत बहट है ,
मुख से तोहरी तोहरी नाम   निकलत  है |

मोह   बावड़ी होवत जाऊ हूँ , 
संसार मोहे कहन  लागो|

मैं बावड़ी दर्शन  की पियासी पियासी ,
न जाने कब पियास मुझत मुझत हमारी |

...कवि सोनू भक्ति की ज्योति
भक्ति की ज्योति

तुम्हें  मन्दिर में ढूंढा ढूँढ़ा,
तुम्हें मेहफिल में ढूंढ़ा |

तुम्हें पहाड़ो में खोजा,
तुम्हें बारिश  रूपी 
बूंदों में तलाशा |


जहाँ भी  खोजः  ,
वहां निराशा ही  पाया पाया|
अखियां अखियन से नीर बहत बहट है ,
मुख से तोहरी तोहरी नाम   निकलत  है |

मोह   बावड़ी होवत जाऊ हूँ , 
संसार मोहे कहन  लागो|

मैं बावड़ी दर्शन  की पियासी पियासी ,
न जाने कब पियास मुझत मुझत हमारी |

...कवि सोनू भक्ति की ज्योति