सुलगती रेत पर चलोगी तो छाले भी पड़ेंगे हलक सूख जायगा, अंगार भी चढ़ेंगे मगर तुम रुकना नहीं तपिश हो बेइंतहा, पर झुकना नहीं बस चलती चली जाना चाहे कदम साथ छोड़ दे हवाएँ चलें कुछ ऐसी सायों का रुख मोड़ दें तुमको इन्तेहा तक चलना है ये दौर ही नहीं वक़त बदलना है #wonder #dadda #way_to_miracle #father_to_daughter #hindinama #tassavuf #skand #kavishala