सफ़र जो ये,कुछ़ यु सुरु हुवा हैं, अज़ान राहो पर जो मुझें ले चला हैं..! बड़ी बैचेनी सी लगने लगी हैं, ये राहों पे जो मुझे, जो ले चलने लगी हैं.. साथ जो तुम्हारा ,यु जो मिला है, ये सफ़र जो अज़ाना, अपना लगने लगा हैं..! पर ड़र जो लगने लगा, ये सफ़र जो अज़ान राहों का, बड़ा तेड़ा जो लगने लगा हैं...! ये सफ़र अज़ान राहो का,कुछ कहने लगा हैं, तुम्ह जानते नहीं हो,अभी तो तुने सुरु हि कहां किया हैं...! ये सफर राहो का,बोहत कुछ कह गया हैं, तुम्ह चलना पर अपने कद़म जरा सभांल के रखना...! सुप्रभात। सफ़र अंजान राहों का कठिन तो है मगर दिलचस्प है कितना। #अंजानसफ़र #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi