माँ की याद माँ तुम कहाँ हो न तुम यहाँ हो और न तू वहाँ हो न बताए हुए जगह पर हो न सताये हुए जगह पर हो। माँ तुम कहाँ हो।। रो रो के बुरा हाल हो गया है, आंसू भी अब सूख गया है। तू बोलती थी न, बदमाशी नहीं करने देखों मैंनें बदमाशी करना भी छोड़ दिया है। अब तो बताओं न माँ, तुम कहाँ हो।। अब मैं तुम्हें कभी नहीं सताऊंगी, जो तुम बोलोगी वहीं मैं करूंगी।। तेरी पांव भी दबाऊंगी तेरे लिए भोजन भी पकाऊंगी। अब तो बताओं न, माँ, तुम कहाँ हो ।। देखों माँ तेरे बिना कैसे मैं रह पाऊंगी जहां दिन में सुरक्षित नहीं बेटियाँ, वहाँ मैं अंधेरों में कैसे जी पाऊंगी।। अब तो मान भी जाओ न, कुछ तो बताओं न। माँ, तुम कहाँ हो।। ##माँ की याद ## ## love u माँ.. ##