Nojoto: Largest Storytelling Platform

सुगंथित हवा की हलचल, बहते जल की कल-कल हृदय को आ

सुगंथित हवा की हलचल, 
बहते जल की कल-कल  
हृदय को आनंदित करती
तन को स्फूर्ति से भरती।।
दृश्य यह बङा अनोखा 
कभी ना देता धोखा 
यह रंगबिरंगी धरती 
मन की पीङा हरती ।।
किन्तु एक ऐसा डर है 
बनाया दिल मे घर हे
प्रकृति बिगङ ना जाये
आत्मा सोच सोच डरती।।

©Pushpendra Pankaj #safar डरावना
सुगंथित हवा की हलचल, 
बहते जल की कल-कल  
हृदय को आनंदित करती
तन को स्फूर्ति से भरती।।
दृश्य यह बङा अनोखा 
कभी ना देता धोखा 
यह रंगबिरंगी धरती 
मन की पीङा हरती ।।
किन्तु एक ऐसा डर है 
बनाया दिल मे घर हे
प्रकृति बिगङ ना जाये
आत्मा सोच सोच डरती।।

©Pushpendra Pankaj #safar डरावना

#safar डरावना #कविता