शीर्षक-आत्मविश्लेषण बेहतर है न उस भीङ से अलग हो जाना जो आपको आपकी originality से हटाती है बेहतर है न उस भीङ से अलग होना जो आपको खुद सा बनाती है बेहतर है न उस भीङ से अलग होना जिनकी गलत बातों में भी हां में हां मिलानी पङती हो जो किसी सही इन्सान पर भी उंगली खङी करती हो ऐसा नहीं है कि हर बार जो ऊँची आवाज में बात करे, वो सही ही इन्सान हो और ऐसा भी नहीं है कि जो चुपचाप गलत बात सहन कर ले, वो गलत ही इन्सान हो वो टाइम और था जब लोग गिरने वालो को सम्भाल थे लेते ये वो टाइम है जहां ये भीङ आपको खुद ही गड्डे में ढकेल आती है फोन में कान्टेक्ट लिस्ट,fb-whatsapp-instagram पर हजारों फ्रैन्ड लिस्ट होने से कोई फायदा नहीं बेहतर है उस भीङ से अलग हो जाना, जो तुम्हें तुम्हारी पहचान पर सन्देह करवा जाती है और बहुत फ़र्क होता है साथ देने और साथ खङे होने में बन्धुवर! एक मुर्दा लाश के साथ भी तो लोगों की भीङ खङी हो जाती है ©ekta #आत्मविश्लेषण #चिंतन #अपने #आप और #अपनेपन का #don't #feel #sad #ifyou are #alone