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बची है जिंदगी कितनी, नहीं मालूम चलता है। रहे

बची  है  जिंदगी  कितनी, नहीं  मालूम  चलता है।

रहेगा  साथ  यह  कब तक, यही  संदेह  पलता है।

न चलता  चक्र  जीवन का, सदा  ही एक  ढर्रे पर-

अचानक से कभी अपनी,दिशा यह तो बदलता है।
 #मुक्तक #जीवनचक्र #विश्वासी
बची  है  जिंदगी  कितनी, नहीं  मालूम  चलता है।

रहेगा  साथ  यह  कब तक, यही  संदेह  पलता है।

न चलता  चक्र  जीवन का, सदा  ही एक  ढर्रे पर-

अचानक से कभी अपनी,दिशा यह तो बदलता है।
 #मुक्तक #जीवनचक्र #विश्वासी