लिहाफ फूंक कर ताप लूं नब्ज़ थोड़ी मंद है ? चिलम तंबाकू जोड़ लूं क्या कविता अच्छंद है ? पेट की आग से तप रहे, धत् !! ये कोई ठंड है ?? झिंगोलो में फंसे रहो, जिंदगी तेरी झंड है !! दिल जला कर हमारा वो हाथ सेंकते रहे, गिर गए सब शटर पर लोग देखते रहे मासूम दिल, अब समझा, कि शहर अक्लमंद है मैं मासूम बना रहा गज़ब अंतर्द्वंद है सोचता हूं,, लिहाफ फूंक कर ताप लूं नब्ज़ थोड़ी मंद है, तुम जगी हो, मैं जगा हूं पर सुकून पानी बंद है 😜 सदानन्द कुमार ©Sadanand Kumar #Decembercreators #Januarycreators #Comedy #Shayar #Erotica_ #Prayers #NojotoFlim #nojotonews #Winter Dhyaan mira