साँवला तराशा तेरा बदन जैसे मरमर, तुझे पाने की ख्वाहिशे लाखों मेरे अंदर, दिल में उठ रही समंदर सी हजारों लहर, तेरा हुस्न है आग या कोई कहर, इजाजत दे तो समां जाऊँ तेरे भीतर, डर न तू ये इम्तिहां भी जरूरी है ऐ हमसफर... Theme 4 लहर style erotica #restzone #rzricha #rzbirthdaymarathon #rzpoemomania #rzturns1