राह पर थे सभी राह तब थी सही मेरी है कुछ अलग तो बुरी हो गई सोचता हूं मैं कैसे करूंगा वायदा जिंदगी मौत से भी बुरी हो गई मेरी सांसे गर थम जाएं फिर भी मेरी प्रीत रहे मेरे ना होने पर भी उसके लब पर मेरा गीत रहे..! मैं टूटूं सौ बार चाहें .........मेरी राहों में कांटे हों, लेकिन उसके कदमों में समृद्धि सफलता जीत रहे..! उसी के ख्वाबों में रंग और जीवन में खुशहाली आए उसका मन गाए उसका जीवन मधुरिम संगीत रहे