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मिट्टी से बना,काँटों से घिरा झाड़ में रहा,पला और बढ़

मिट्टी से बना,काँटों से घिरा
झाड़ में रहा,पला और बढ़ा
अनेक रंग हैं पर भाव भिन्न
ऋतू फुहार से मेरा ये इशारा
पुष्प भूप है  गुलाब तुम्हारा। राधिका बन कर भी मैं मीरा बनती हूँ ,
मैं तुमसे... 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ ।


#मोंगरेसाइश्क़ 
#मेरामोंगरेसाइश्क
#मोगरेसाइश्क़मेरा 
#मोगरेवालाइश्क
मिट्टी से बना,काँटों से घिरा
झाड़ में रहा,पला और बढ़ा
अनेक रंग हैं पर भाव भिन्न
ऋतू फुहार से मेरा ये इशारा
पुष्प भूप है  गुलाब तुम्हारा। राधिका बन कर भी मैं मीरा बनती हूँ ,
मैं तुमसे... 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ ।


#मोंगरेसाइश्क़ 
#मेरामोंगरेसाइश्क
#मोगरेसाइश्क़मेरा 
#मोगरेवालाइश्क