ठहरा हुआ वक़्त एकदफ़ा चलने भी लगे अपनी रफ्तार से.... पर ज़िन्दगी का क्या... जो तेरी यादों में वहीं थम के रह गई है...!! "ठहर गयी है वक़्त की चाल" कभी कभी मंज़र और फ़ज़ा ऐसा जादू करते हैं कि वक़्त ठहरा हुआ मालूम होता है। ऐसे ही किसी मंज़र का ज़िक्र करें। Collab करें YQ Bhaijan के साथ। #waqtkichal