टूटे अंगों वाले पुरुष, नुचे अंगों वाली स्त्रियां, माँस, बोटियों के अंबार, अस्थि-पिंजरों के पहाड़ पर एक हेलीकॉप्टर उतरा और हेलीकॉप्टर से नेता जी उतरे। सामने ऊंचाई पर अमृत-हांडी लटकी है, ये दोस्ताना मैच है, लोगों के जेहन में ये परंपरा अटैच है। नेता जी प्रयास करेंगे, थोड़ा पर्वत तो थोड़ी हांडी से आस करेंगे। अगर हांडी टूटी तो टनों पुष्पवर्षा होगी, पहाड़ अनायास ही स्मारक बन जाएंगे। अगर हांडी न टूटी तो नेता जी थिरायेंगे, थोड़ा रोयेंगे मानवी आपदा पर, थोड़े निर्गुण गाएंगे, खुद को पहाड़ पर गड़ा ध्वज बताएंगे और फिर जनता को मोटिवेट कर उड़ जाएंगे। नशे के लती, व्यसनी, बेरोजगार, सिरफिरे, ताक़त के आग्रही और कुछ एक्सीडेंटल बलि के बकरे साभार हांडी को लक्ष्य किये उन्मादी से, कभी आदतन, कभी भाग्य लिखे बर्बादी से बेबस पर्वत पर कूच करेंगे, गिरेंगे, मरेंगे और पर्वत के ऊंचाई के नए नए आयाम गढ़ेंगे। ये जो हांडी की ऊंचाई है इसकी यही भरपाई है भले नेता जी ने आपको मुंह से न बताई है। छींका और बिल्ली