बारिशों के मौसमों की, भीगी हरियाली तू सर्दियों में गालों पे जो, आती है वो लाली तू रातों का सुकूँ भी है, सुबह की अज़ान है चाहतों की चादरों में, मैंने है संभाली तू -Irshad kamil Irshad Kamil Quotes