अस्त व्यस्त पड़ी जिंदगी पटरियों पर आने लगी है देखो यहां,खड़े कितने इंसान हैं इंसानियत नजर आने लगी है चमकती थी,जो फरेब रिश्ते धुंधली नजर आने लगी है राही हमसफर साथ के मुसाफिर नजर आने लगे हैं कहते थे,जो मंजिल तक छोड़ेंगे ना साथ तेरा वो रास्ते अलग बनाने लगे हैं जो बेगाने थे,मिले मंजिल के पड़ाव पे देखों,वही हमदम साथी कहलाने लगे है ✍✍विकास कुमार बिन्द(VKB)…. #Struggle@2020 Abhishek sharma🎶