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किस मोड़ पे ले आई है जिंदगी हमे की मंजिल को ढूंढते

किस मोड़ पे ले आई है जिंदगी हमे की मंजिल को ढूंढते ढूंढते रास्तों से दोस्ती हो चली है जब भी लगता है कि यह ही मेरी मंजिल है तभी रास्ते आ कर अपना वजूद बता चले जाते है
           ना जाने कैसे लिखी है उस खुदा ने किस्मत हमारी की हर पल सफर में रहने का ज़िंदगी ने रूप इख्तेयार कर लिया है यूं तो अक्सर मंजिलों को मनाने की मुश्कत की है मगर फिर भी मंजिल है कि मानने का नाम ही नहीं ले रहीं है
       मकसद-ऐ ज़िंदगी मंजिल हो तो (Sehdev)
अक्सर रास्तों से दोस्ती करनी ही पड़ती है 
           यूं रास्तों को अनदेखा कर के
सफर नहीं गुजरा करते!! (पागल)

©Pagal Shayar #SAD #safar #Zindagi 
#Quotes #ehsaas #Safar_zindagi_ka Sujata jha swetu Sketchy_writing (Deeksha Sharma) Kumar Ranjeet SanDeepDing
किस मोड़ पे ले आई है जिंदगी हमे की मंजिल को ढूंढते ढूंढते रास्तों से दोस्ती हो चली है जब भी लगता है कि यह ही मेरी मंजिल है तभी रास्ते आ कर अपना वजूद बता चले जाते है
           ना जाने कैसे लिखी है उस खुदा ने किस्मत हमारी की हर पल सफर में रहने का ज़िंदगी ने रूप इख्तेयार कर लिया है यूं तो अक्सर मंजिलों को मनाने की मुश्कत की है मगर फिर भी मंजिल है कि मानने का नाम ही नहीं ले रहीं है
       मकसद-ऐ ज़िंदगी मंजिल हो तो (Sehdev)
अक्सर रास्तों से दोस्ती करनी ही पड़ती है 
           यूं रास्तों को अनदेखा कर के
सफर नहीं गुजरा करते!! (पागल)

©Pagal Shayar #SAD #safar #Zindagi 
#Quotes #ehsaas #Safar_zindagi_ka Sujata jha swetu Sketchy_writing (Deeksha Sharma) Kumar Ranjeet SanDeepDing
pagalsehaj1837

pagal Shayar

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