कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं ये कैंचियां हमें उड़ने से खाक रोकेंगी की हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं #RIP #RahatIndori -Manku Allahabadi Rahat Indori #RIPRahatIndori #greatpoet #mankuallahabadi #legend