जब-जब ख़्वाबों का हक़ीक़त रूपी बेवफ़ाई की तितली से होता है सामना हमारा, तब टूट कर बिखर जाती है ख़्वाहिशें हमारी, जैसे डाली से टूटकर फूल की पंखुड़ियां बिखर जाती है,नम होती है हर रात रह-रह कर आँखें हमारी,उम्मीदों का सहारा हाथों से हमारे छूटता सा नजर आता है,क्या करें कैसे करें समझ कुछ अब हमें आता नहीं,तकलीफ बहुत है ज़िन्दगी में हमारी,मगर बेरहम बेवफ़ाई रूपी तितली को हम पर रहम जानें क्यों आता नहीं,शायद हम ही नासमझ हैं जो इस बेवफ़ाई रूपी तितली की उड़ान को समझ पाते नहीं, #yomewrimo में आज का रूपक है #बेवफ़ाईतितलीहै #cinemagraphcollab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #tarunasharma0004 #trendingquotes #hindipoetry