(एक तलाश नय जीवन की ) भूलकर खुद को आज खुद ही को तलाश रहा किसी खास के ज़रिए आज मै खुद को पहचान रहा सुनहरे ज़ुल्फ में बंध आज "मैं" जिंदगी को तलाश रहा काफ़िर होते हुए मै आज कृष्ण को ढूंढ़ रहा पता है गर्दिश_ए_वक़्त में बिखर वो नायाब मुस्कान, वो जिद कहीं गुम सा हो गया है पर फिर भी न जाने क्यूं आज नज़्म के ज़रिए उसी को ढूंढ रहा । #तुम्हारेलिए #मैं_और_तुम #तलाश_खुदकी #प्रेमी_मन #मेरे_जज्बात008 #yqdidi #yqbaba #kunu