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Impossible तुम्हारी मंज़िल तुम खुद तय करोगे मंजिल

Impossible  तुम्हारी मंज़िल तुम खुद तय करोगे
मंजिल तक पहुंचने का संघर्ष भी तुम सहोगे
फिर उम्मीद किसी से क्यों
की कोई साथ दे तुम्हारा 
भीड़ में चलोगे तो पीछे रह जाओगे
और अकेले चलोगे तो निखर जाओगे।
गर विश्वास अटल रखो खुद पर
वक्त तुम्हारा है और तुम जीत जाओगे।
डगमगायेगें कदम तुम्हारे राहों के काटें देख कर
भय निकल देना मन से तुम डर में भी काबू पाओगे।
पहली कोशिश में तुम जीत हासिल करो ये जरूरी नहीं
अगर तुम हार गए तो तो भी तुम हार कर भी जीत जाओगे।

©Shveta Mishra positive thoughts
Impossible  तुम्हारी मंज़िल तुम खुद तय करोगे
मंजिल तक पहुंचने का संघर्ष भी तुम सहोगे
फिर उम्मीद किसी से क्यों
की कोई साथ दे तुम्हारा 
भीड़ में चलोगे तो पीछे रह जाओगे
और अकेले चलोगे तो निखर जाओगे।
गर विश्वास अटल रखो खुद पर
वक्त तुम्हारा है और तुम जीत जाओगे।
डगमगायेगें कदम तुम्हारे राहों के काटें देख कर
भय निकल देना मन से तुम डर में भी काबू पाओगे।
पहली कोशिश में तुम जीत हासिल करो ये जरूरी नहीं
अगर तुम हार गए तो तो भी तुम हार कर भी जीत जाओगे।

©Shveta Mishra positive thoughts