सब परिंदे उड़ गए हैं, धीरे धीरे छोड़ कर, बाग़बान अब अकेला हैं, उम्र के इस मोड़ पर.. ©Ankur Mishra #उम्र #पड़ाव #ढलती #बुढ़ापा #काला #सच