चल कही दूर छिप जाए हम , आसमा की दुनिया में गुम हो

चल कही दूर छिप जाए हम ,
आसमा की दुनिया में गुम हो जाये हम ,
हो न किसी की सांसे की आहट भी ,
ऐसी ख़ामोशी की जहा में चल बस जाये हम ,

चल कही दूर फलक पे बन की एक तारा टिमटिमाये हम ,
चाँद की रोशनी में जहा नहाये हम ,
हो न वह ह्वावो का शोर भी ,
जुगनुओ संग कोई गीत गुनगुनाये हम……

©Saroj Bala
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