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attachment सबको हो ही जाती है, किसी के "गुड़ मॉर्नि

attachment सबको हो ही जाती है, किसी के "गुड़ मॉर्निंग" के मैसेज से, किसी के सिर्फ ये पूछने से के "क्या तुम ठीक हो? रोज़ बातें होने लगती हैं, भूख प्यास की फ़िक्र होने लगती है, मसाईल share होने लगते हैं-
कुछ दिन बाद आहिस्ता आहिस्ता शौक़ कम पड़ जाता है ये पूछने का के "तुम ऑफ़लाइन क्यूँ थी/थे" तुम ठीक हो या नही? etc,
वक़्त आगे बढ़ता है लोग भी आगे बढ़ जाते हैं, वो पहले से ज़्यादा मैच्यूर हो जाते हैं, राब्ते घटा देते हैं, ओर एक दिन उस इंसान की कन्वर्सेशन भी आपकी चैट लिस्ट से ग़ायब हो जाती है,,,,
*मसला पता है क्या है?*
क्योंके आप एक-दूसरे को कम वक़्त में बहुत ज़्यादा जान लेते हैं, खाने-पीने के शौक़, सोने-जागने के रूटीन, ज़िन्दगी के दुःख, डर, कमज़ोरियाँ सब कुछ,
ओर ये थोड़े वक़्त में सब जान लेना बेज़ारियत की वजह बनता है ..!!!

©Idrees Jhinjhanvi #GoldenHour #mind_set #loyalty #ignore #Fake #urdu #urduadab #ishq #Hindi #Hindi_writing
attachment सबको हो ही जाती है, किसी के "गुड़ मॉर्निंग" के मैसेज से, किसी के सिर्फ ये पूछने से के "क्या तुम ठीक हो? रोज़ बातें होने लगती हैं, भूख प्यास की फ़िक्र होने लगती है, मसाईल share होने लगते हैं-
कुछ दिन बाद आहिस्ता आहिस्ता शौक़ कम पड़ जाता है ये पूछने का के "तुम ऑफ़लाइन क्यूँ थी/थे" तुम ठीक हो या नही? etc,
वक़्त आगे बढ़ता है लोग भी आगे बढ़ जाते हैं, वो पहले से ज़्यादा मैच्यूर हो जाते हैं, राब्ते घटा देते हैं, ओर एक दिन उस इंसान की कन्वर्सेशन भी आपकी चैट लिस्ट से ग़ायब हो जाती है,,,,
*मसला पता है क्या है?*
क्योंके आप एक-दूसरे को कम वक़्त में बहुत ज़्यादा जान लेते हैं, खाने-पीने के शौक़, सोने-जागने के रूटीन, ज़िन्दगी के दुःख, डर, कमज़ोरियाँ सब कुछ,
ओर ये थोड़े वक़्त में सब जान लेना बेज़ारियत की वजह बनता है ..!!!

©Idrees Jhinjhanvi #GoldenHour #mind_set #loyalty #ignore #Fake #urdu #urduadab #ishq #Hindi #Hindi_writing