आखिर क्यों ये दुनिया मुझे गुलाम बनाना चाहती है क्या बुरा है अगर जियूं अपने लहजे से क्यूं ये दुनिया मेरी रूह को जान से जुदा चाहती है जिस मर्जी में मेरी खुशी नहीं फिर मेरा वजूद कहां रहा जिसमे मेरी खुशी नहीं थी उसमे मेरे अपनो का हाथ रहा मन उथल पुथल है गुलाम बनकर लगता है जैसे कह दूं अलविदा रहमत करे खुदा,खता करके अपनों से लगता है जैसे रूह हो गई है मुझसे जुदा आखिर क्यों ये दुनिया गुलाम बनाना चाहती है कहती है फिर मुझसे मेरी खुशी चाहती है... ©NISHA DHURVEY #Chhavi #gulam #गुलाम