किसी एकाकी मन में बज उठा हो जैसे चंचल कोई सांध्यगीत मधुरिम जाड़े की गुलाबी धूप में चुपचाप कोई गुलाब खिल आना घिरते कुहासे में गुलाबी धूप सी गुनगुन मन के आँगन में मनमीत का आना ख़ुशबू सा लहज़ा वो नहीं आसान बतलाना शाखों पे नए कोंपल का जीवन गीत दोहराना... दोस्त! फिर आँखों में भर संसार ले आना #toyou #yqfriends #yqlove #yqblossoms #yqmusic #yqblessings