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भोर का पंछी ऊंचे गगन में पंख अपने बेफिक्री से फैला

भोर का पंछी ऊंचे गगन में पंख अपने बेफिक्री से फैलाओ
खुली हवा मस्त गगन में भोर के पंछी तुम बन जाओ

ना कोई रोक टोक ना जाती मजहब के बात बनाओ
सीमाओं को पार कर दुश्मनों में भी प्रेम का अलख जगाओ

पुरवाई चंचल ठंडी ठंडी इसकी धुन में मस्त मगन लहराओ
अपनी चहचहाट से हमारे दिलों को भी तुम हरशाओ। #Panchi #nojoto hindi
भोर का पंछी ऊंचे गगन में पंख अपने बेफिक्री से फैलाओ
खुली हवा मस्त गगन में भोर के पंछी तुम बन जाओ

ना कोई रोक टोक ना जाती मजहब के बात बनाओ
सीमाओं को पार कर दुश्मनों में भी प्रेम का अलख जगाओ

पुरवाई चंचल ठंडी ठंडी इसकी धुन में मस्त मगन लहराओ
अपनी चहचहाट से हमारे दिलों को भी तुम हरशाओ। #Panchi #nojoto hindi
smitaishu8349

smita@ishu

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