Nojoto: Largest Storytelling Platform

पल्लव की डायरी गुलशन खिले महके,माली को रखा था काँट

पल्लव की डायरी
गुलशन खिले महके,माली को रखा था
काँटे ना चुभे आवाम को
 हिफाजत के लिये विधायक सांसद चुन रखा था
मुरझाये फूल भी खिला दे,जिम्मा दे रखा था
एक माला बने गुलशन की
कौमो की सेवा का भार दे रखा था
शान बढे वतन की,ओहदा सत्ता का दे रखा था
मगर अब वो फर्ज,मर्ज बन रहा है
खाद पानी के बिना चमन उजड़ रहा है
शपथ और सौगन्ध सुरक्षा की खाते सभी है
मगर बागों को बागड़ बनाते वो ही है
                                             प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #intezar मुरझाये फूल भी खिला दे,जिम्मा दे रखा था
पल्लव की डायरी
गुलशन खिले महके,माली को रखा था
काँटे ना चुभे आवाम को
 हिफाजत के लिये विधायक सांसद चुन रखा था
मुरझाये फूल भी खिला दे,जिम्मा दे रखा था
एक माला बने गुलशन की
कौमो की सेवा का भार दे रखा था
शान बढे वतन की,ओहदा सत्ता का दे रखा था
मगर अब वो फर्ज,मर्ज बन रहा है
खाद पानी के बिना चमन उजड़ रहा है
शपथ और सौगन्ध सुरक्षा की खाते सभी है
मगर बागों को बागड़ बनाते वो ही है
                                             प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #intezar मुरझाये फूल भी खिला दे,जिम्मा दे रखा था