दो अकेले चल रहे हैं रात अकेली, चादँ अकेला हमसफ़र दो अजनबी से रात अकेली, चादँ अकेला आवारा सफर जाये कौन कहाँ वीराँ हे जमी वीराँ आसमाँ दो किनारे चल रहे हैं रात अकेली चादँ अकेला आवाजों में हैं सन्नाटे की धुन नज़रों की जुबाँ खामोशी हे सुन दो इशारे चल रहे हैं रात अकेली, चादँ अकेला... तनिष्का शर्मा रात अकेली, चादँ अकेला#nojoto