वसुधानामा °°~°°~°°~°° आप यदि स्पर्श करें तो कोई कुम्हलाई सुमन भी खिल जाए, आपके एक मुस्कान मात्र से खोई मन की निधि मिल जाए। मधुर बांसुरी के धुन-सी मनोहारी लगे आपकी बोली, स्वभाव का अनुठा सादापन मानों कोई परिमल रोली। लिखती हैं जब मानों तो सच ख़ुद ही आकर गवाही भरता है, क़लम और स्याह से जैसे आपका गहरा जज़्बाती रिश्ता है। कृष्णवाणी सुनाने का आपका अन्दाज़ बड़ा निराला है, लेखन की क्या बात करुँ मानों कोई पीयूष प्याला है। दीदी नाम आपका "वसुधा" सबको वसुधा माटी से जोड़ती रहें, बाधाएं कई आएं "हृदय" दिशाएं उनकी लक्ष्य ओर मोड़ती रहें। -रेखा "मंजुलाहृदय" जन्मोत्सव की अनंत शुभकामनाएं वसुधा दीदी जी! 🎂🍰🍫🥂 ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #वसुधानामा Wishing u many many happy returns of the day Didu🎁🎈🎉🍰🎂🍫🥂 #June 4th, 2021 बारिश का बहाना था, So ज़रा से ज़रा ज़्यादा देर लग गई Didu😜 माफ़ी...माफ़ी...माफ़ी🙈🙉🙊