द्वारे पे सुनकर सुदामा की करुण पुकार नंगे पैर दौड़े चले आए थे भगवन् बरसों के बाद मिले थे सुदामा से झट से उनको गले लगाए मेरे भगवन् सिंहासन पर अपने बैठा कर उनको नीचे खुद आसान लगाए मेरे भगवन् हुआ रुक्मणि को बहुत अचम्मभा ये कैसा मेहमान आया मेरे भगवन् सुदामा के पैर हांथो से पखार रहे भगवन् नैनन नीर बहाए रहे मेरे भगवन् देख सुदामा की दीन दशा मन ही मन में खुद अकुलाय रहे मेरे भगवन् बचपन के दोस्त सुदामा थे उनसे दोस्ती आज भी निभाए रहे मेरे भगवन् बचपन में चने चोरी से जो खाए कहते हैं उनको रंक बनाए दिए भगवन् सुदामा की पत्नी ने कंदुल जो भेजे थे भेंट अपनी उनसे मांगे मेरे भगवन् सुदामा किए संकोच देने में तो झट से लिए पोटली छिनाए मेरे भगवन् दो मुट्ठी कंदुल ख़ाके दो लोक दे दिए जब रुक्मणि रोक लगाए भगवन् दोस्त में सबकुछ लुटाकर अपना दोस्ती की मिसाल बनाए मेरे भगवन् -"Ek Soch" #krishna #krishnalove #yqbaba #yqdidi #mitaliawasthi #good #krishnasudamafriendship Time limit till today 10:00 pm tonight No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates... Results will be out tomorrow along with new topic... All the best... After collaborating mention done in the comment section.