भीगा सा दिन,भीगी सी आँखें, भीगा सा मन ,और भीगी सी रात है ! कुछ पुराने ख़त ,एक तेरा चेहरा, और कुछ तेरी बात है ! ऐसे ही कई टुकड़ा टुकड़ा दिन और कई टुकड़ा टुकड़ा राते हमने ज़िन्दगी की साँसों तले काटी थी ! न दिन रहे और न राते, न ज़िन्दगी रही और न तेरी बातें !