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आज शाम जब कभी अकेले में शाम के उजाले मे

आज शाम  जब   कभी अकेले में 
शाम     के  उजाले  मे 
अपने     नर्म    हाथों से 
जबभी  लिखना चाहोगे 

कोई अच्छी  सी 
कोई  सच्ची सी 
कोई प्यार  का लम्हा 
कोई  मुस्कराता पल 

याद  के  दरीचे से 
मेरा  नाम छुप  छुप कर 
तुम को याद आएगा 
तुम  को  याद  आएगा

©Shah Aftab #PoetInYou  Priya Gour Priya dubey RJ_Keshvi Sam Khan  Sukhi Ahluwalia
आज शाम  जब   कभी अकेले में 
शाम     के  उजाले  मे 
अपने     नर्म    हाथों से 
जबभी  लिखना चाहोगे 

कोई अच्छी  सी 
कोई  सच्ची सी 
कोई प्यार  का लम्हा 
कोई  मुस्कराता पल 

याद  के  दरीचे से 
मेरा  नाम छुप  छुप कर 
तुम को याद आएगा 
तुम  को  याद  आएगा

©Shah Aftab #PoetInYou  Priya Gour Priya dubey RJ_Keshvi Sam Khan  Sukhi Ahluwalia
shahaftab5685

Shah Aftab

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