अजिब थे आज के सपने तुम थि और मै, और सामे राते भि कितने खुश थे हम दोनो हमारे गलत फैमि, सायद खतम भि हुवा था तुम से बात कर के, हर कुछ भुला था परन्तु उठने के वाद पता चला, ए हकिकत भि नहि था... ©Yudi Shah अजिब थे आज के सपने तुम थि और मै, और सामे राते भि कितने खुश थे हम दोनो हमारे गलत फैमि, सायद खतम भि हुवा था तुम से बात कर के, हर कुछ भुला था परन्तु उठने के वाद पता चला, ए हकिकत भि नहि था... ✍️Yudi shah 🇳🇵🇳🇵