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बुराई एक ही बार में समाप्त हो जाती तो हर साल रावण

बुराई एक ही बार में समाप्त हो जाती
तो हर साल रावण दहन की रात नहीं आती

©Sandeep Kothar बुराई एक ही बार में समाप्त हो जाती
तो हर साल रावण दहन की रात नहीं आती...
Copyright ©️  Sandeep Kothar

दोस्तों,
हर दशहरे पर रावण को जलाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है, हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार रावण ने माता सीता का अपहरण कर अशोक वाटिका में बंदी बना लिया था, अपने अहंकार और शक्ति की आड़ में वह भूल गया था कि सीधे दिखने वाले राम कोई और नहीं बल्कि भगवान विष्णु के अवतार हैं। आखिर लंका के स्वामी श्री राम के हाथों मारे गए।
लेकिन आज भी रावण हम में जिंदा है उसे फिर से मारने के लिए, हर साल कई सदियों से पूरे भारत में रावण दहन की प्रथा चली आ रही हैं।
Copyright ©️Sandeep Kothar sandeepmkothar@gmail.com
बुराई एक ही बार में समाप्त हो जाती
तो हर साल रावण दहन की रात नहीं आती

©Sandeep Kothar बुराई एक ही बार में समाप्त हो जाती
तो हर साल रावण दहन की रात नहीं आती...
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दोस्तों,
हर दशहरे पर रावण को जलाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है, हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार रावण ने माता सीता का अपहरण कर अशोक वाटिका में बंदी बना लिया था, अपने अहंकार और शक्ति की आड़ में वह भूल गया था कि सीधे दिखने वाले राम कोई और नहीं बल्कि भगवान विष्णु के अवतार हैं। आखिर लंका के स्वामी श्री राम के हाथों मारे गए।
लेकिन आज भी रावण हम में जिंदा है उसे फिर से मारने के लिए, हर साल कई सदियों से पूरे भारत में रावण दहन की प्रथा चली आ रही हैं।
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