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संभलना मुश्किल होता है जब रात हो अँधेरी काली घने

 संभलना मुश्किल होता है 

जब रात हो अँधेरी काली घनेरी 
ना पास हो दीपक की वो लौ सुनहरी
जब हृदय में अनिष्ट का भय बैठ जाए
आगे बढ़ने से पहले कदम डगमगाये
तब संभलना मुश्किल होता है
 संभलना मुश्किल होता है 

जब रात हो अँधेरी काली घनेरी 
ना पास हो दीपक की वो लौ सुनहरी
जब हृदय में अनिष्ट का भय बैठ जाए
आगे बढ़ने से पहले कदम डगमगाये
तब संभलना मुश्किल होता है
vishwas4945

Vishwas

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