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गुलाब, ख़ाब, और शबाब में देखा, जब महफ़िल गया.. उसे

गुलाब, ख़ाब, और शबाब में देखा,
जब महफ़िल गया.. उसे शराब में देखा।

बेहोशी की हालत में ली हमने दो चुस्की,
जब होश में आया.. तो कबाब में देखा।

रात.. भले ही बीती हो हमारी सड़क पे,
मगर मज़े में सोया, और उसे मेहताब में देखा।

उसे.., अब चढ़ गए हैं रंग, गुस्ताखियों के,
हवाओं से भाव खाता.., पराग में देखा।

___ Adv. Abhinav Anand Biharibabu

©Biharibabu Abhinav* #raindrops
गुलाब, ख़ाब, और शबाब में देखा,
जब महफ़िल गया.. उसे शराब में देखा।

बेहोशी की हालत में ली हमने दो चुस्की,
जब होश में आया.. तो कबाब में देखा।

रात.. भले ही बीती हो हमारी सड़क पे,
मगर मज़े में सोया, और उसे मेहताब में देखा।

उसे.., अब चढ़ गए हैं रंग, गुस्ताखियों के,
हवाओं से भाव खाता.., पराग में देखा।

___ Adv. Abhinav Anand Biharibabu

©Biharibabu Abhinav* #raindrops