भ्रम में पड़ी जिंदगी मंजिल नहीं मिल रही ,,, किस्मत के भरोसे जिंदगी क्यों चल रही ,,,दिल में भरे क्रोध की ज्वाला क्यों जल रही,,, हर शख्स के दिल में ये नफरतें क्यों बढ़ रही,,, noviolence