इन ताश की पत्तों की तरह हो गयी है अब जिंदगी मेरी। लोग यहाँ बहुत सोच समझकर बड़ी-बड़ी बाजिया खेला करते है।। #taash k patte # game # for you# ✍️विनोद उमरतकर