जिंदगी रास नहीं... कौन है वो, पूछे जो कोई.... "कोई खास नही", कह देना तुम..... कच्ची पक्की सी है दोस्ती उसकी, आधी सच्ची आधी झूटी भी लगे बातें उसकी.. चादर ओढ़े रहता है अक्सर जस्बातो का; अब कोई ना लगता यहाँ उसको अपना सा। बारिश भी है अंदर उसके; भीगा सा भी रहता दिल उसका। दर्द से उसका कुछ ज्यादा है लौ, ख़ुशी की भी इतनी आस नही। कौन है वो, फिर भी कोई पूछे.... "जिसे जिंदगी रास नहीं", कह देना तुम।। #जिंदगी_रास_नहीं #हिंदी #कविता #जिंदगी #हिंदी_कविता #हिंदी_साहित्य