रहे अडोल-अकंप निरंतर, यह मन दृढ़तर बन जावे, इष्ट-वियोग अनिष्ट-संयोग में, सहनशीलता दिखलावे। Mahi Sharma अज्ञात लेखक सुजीत सिंह अल्फ़ाज़ दिल के हिंदी शायरियां...