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रहे अडोल-अकंप निरंतर, यह मन‌ दृढ़तर बन‌ जावे, इष्ट

रहे अडोल-अकंप निरंतर,
यह मन‌ दृढ़तर बन‌ जावे,
इष्ट-वियोग अनिष्ट-संयोग में,
सहनशीलता दिखलावे। Mahi Sharma अज्ञात लेखक  सुजीत सिंह अल्फ़ाज़ दिल के हिंदी शायरियां...
रहे अडोल-अकंप निरंतर,
यह मन‌ दृढ़तर बन‌ जावे,
इष्ट-वियोग अनिष्ट-संयोग में,
सहनशीलता दिखलावे। Mahi Sharma अज्ञात लेखक  सुजीत सिंह अल्फ़ाज़ दिल के हिंदी शायरियां...
anantjain2166

Anant Jain

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Mahi Sharma अज्ञात लेखक सुजीत सिंह अल्फ़ाज़ दिल के हिंदी शायरियां...