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#OpenPoetry तेरे कस्मों पे, तेरे वादों पे ऐतबार कि

#OpenPoetry तेरे कस्मों पे, तेरे वादों पे ऐतबार किया,
तुने हमसे दिल्लगी की, और हमने तुझसे प्यार किया,

छोटी छोटी बातों पर हमने तकरार किया,
तुने हमसे दिल्लगी की, और हमने तुझसे प्यार किया,

तुझे देखने को तरसे हम, तेरा कितना इंतजार किया,
तुने हमसे दिल्लगी की, और हमने तुझसे प्यार किया,

जिन्दगी माना हमने, तुझे अपना संसार किया,
तुने हमसे दिल्लगी की, और हमने तुझसे प्यार किया।
#OpenPoetry तेरे कस्मों पे, तेरे वादों पे ऐतबार किया,
तुने हमसे दिल्लगी की, और हमने तुझसे प्यार किया,

छोटी छोटी बातों पर हमने तकरार किया,
तुने हमसे दिल्लगी की, और हमने तुझसे प्यार किया,

तुझे देखने को तरसे हम, तेरा कितना इंतजार किया,
तुने हमसे दिल्लगी की, और हमने तुझसे प्यार किया,

जिन्दगी माना हमने, तुझे अपना संसार किया,
तुने हमसे दिल्लगी की, और हमने तुझसे प्यार किया।