आम आदमी हूं कोई साधू कबीर नहीं हूं। किसी की खातिर मैं बेंचता जमीर नहीं हूं। ये मानता हूं अलग है थोड़ा रस्ता मेंरा । किसी रस्ते की लकीर का फकीर नहीं हूं। लकीर का फकीर नहीं।