शबरी ने राम को खिलाए थे, शबरी को कौन खिलाएँगे,
जिस देश में धर्म का राज हो, वहाँ अच्छे दिन नहीं आएँगे।
जहाँ एकलव्य की निष्ठा को, मिलबाँट के राजा खाएँगे,
जहाँ धनवानों के लालच से, लाचार दबाए जाएँगे,
जहाँ मासूमों की अस्मत पर हैवान नज़र उठाएँगे,
जहाँ छोटे छोटे देश के बच्चे माँग के रोटी खाएँगे,