वो कम बोलती हैं, ताकि मैं बहुत कुछ कह सकूं... वो धीरे चलती हैं, ताकि मैं क़दम से क़दम मिला सकूं... वो गुस्सा हो जाती हैं, ताकि मैं उसे मना सकूं... वो जानबूझकर अनजान बनती हैं, ताकि मैं उसे समझा सकूं...