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जिंदगी में भले तुम्हे कुछ दे ना सकूँ।। कड़कती धूप

जिंदगी में भले तुम्हे 
कुछ दे ना सकूँ।।
कड़कती धूप से बचा सकूँ तुम्हे
ऐसे बादल लाया हूँ।।
अगर राँह के ककड़ हटा ना सकूँ
चलेंगे नंगें पैर।।
की मैं अपनी चप्पल छुपा आया हूँ
मैं फ़क़ीर हुँ कोई महल नही ला सकता।।

जिंदगी में भले तुम्हे कुछ दे ना सकूँ।। कड़कती धूप से बचा सकूँ तुम्हे ऐसे बादल लाया हूँ।। अगर राँह के ककड़ हटा ना सकूँ चलेंगे नंगें पैर।। की मैं अपनी चप्पल छुपा आया हूँ मैं फ़क़ीर हुँ कोई महल नही ला सकता।। #Poetry #Love #TeriMeriKahaani #devensharma

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